Sad Love Shayari दर्दभरी शायरी, Heart touching Shayari
दर्दभरी शायरी इन हिंदी sad shayari
जमीं की गोद में इतना सुकून था कि,
जो गया वो सफ़र की थकान भूल गया।
अब तो न किसी की चाह,
न ही किसी से कोई आस बाकी है..
बस तू जहां भी जाए हमेशा खुश रहे,
मेरे लिए तो बस इतना ही काफी है।
❤️❤️
न ही किसी से कोई आस बाकी है..
बस तू जहां भी जाए हमेशा खुश रहे,
मेरे लिए तो बस इतना ही काफी है।
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उफ़ दो दिल ,
तीन ल्फज्,
हजार ख्वाईशें ,
और बेइंतहाँ दर्द।
तीन ल्फज्,
हजार ख्वाईशें ,
और बेइंतहाँ दर्द।
जानता हूँ नहीं भूला पाऊँगा तुझे !!
पर दिखावा करने का हक तो है न मुझे !!
पर दिखावा करने का हक तो है न मुझे !!
दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
मतलबी जमाना है नफरतों का कहर है,
ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती जहर है।
ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती जहर है।
किसी से रूठ कर दरवाज़े भले बंद करिए पर,
एक खिड़की ज़रूर खुली रखिए,
गुंज़ाइश की उम्मीदों की !!
प्यार सच्चा होना चाहिए,
फिर वह पहला हो,
या आखरी।
फिर वह पहला हो,
या आखरी।
उनके इंतजार की घड़ी भी अब
धीमी हो गई....वो
शायद इसलिए कि उनके वादों में
कोई सच्चाई ही न थी ।
धीमी हो गई....वो
शायद इसलिए कि उनके वादों में
कोई सच्चाई ही न थी ।
कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं
जिनको तोड़ना ही पड़ता है
आखिरी वक्त में।
जिनको तोड़ना ही पड़ता है
आखिरी वक्त में।
पर इसका मतलब ये नहीं कि
हम उनसे इश्क़ ना करते,
उनकी कदर ना करते,
बल्कि इसलिए कि शायद हम उनके
लिए कोई अहमियत न रखते।
हम उनसे इश्क़ ना करते,
उनकी कदर ना करते,
बल्कि इसलिए कि शायद हम उनके
लिए कोई अहमियत न रखते।
ऐ खुदा तेरे दरबार में मेरी इबादत रखना,
में रहू या ना रहूं मेरी महोबत को सलामत रखना।
में रहू या ना रहूं मेरी महोबत को सलामत रखना।
तकलीफ तब नहीं होती
जब कोई झूठ बोलता है,
तकलीफ तो तब होती है
जब आपको सब सच पता हो,
और फिर भी वो आपके सामने
झूठ बोले जा रहा होता है...।
जब कोई झूठ बोलता है,
तकलीफ तो तब होती है
जब आपको सब सच पता हो,
और फिर भी वो आपके सामने
झूठ बोले जा रहा होता है...।
राज जाहिर ना होने दो तो एक बात कहूं,
हम धीरे-धीरे तेरे बिन मर जाएंगे।
हम धीरे-धीरे तेरे बिन मर जाएंगे।
नसीब ने पूछा बोल क्या चाहिए,
ख़ुशी क्या मांग ली, खामोश हो गया.
ख़ुशी क्या मांग ली, खामोश हो गया.
हूं तो बहुत बुरा मैं,
लेकिन दो चेहरे नहीं रखता।
लेकिन दो चेहरे नहीं रखता।
क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो
किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है।।
किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है।।
छोड़ दिया मैंने अपने लफ़्ज़ों में किसी का जिक्र करना,
जब कोई आपको अपना ही ना समझे तो फिर उसकी फिक्र क्या करना।
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जब कोई आपको अपना ही ना समझे तो फिर उसकी फिक्र क्या करना।
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